यह घटना वैशाली जिले के महुआ थाना क्षेत्र मनपुरा गांव की है जिसमें एक महिला का डिलीवरी प्राइवेट अस्पताल में होता है और वह महिला एक बच्चा का जन्म देती है परंतु उस प्राइवेट अस्पताल का डॉक्टर जिंदा बच्चा को मरा हुआ बता कर बच्चा को बेच देता है इस घटना में उस महिला का पति भी शामिल है लेकिन 202 दिन बाद महिला उस बच्चा को जिंदा ढूंढ लेती है महिला को पूर्ण विश्वास था की मेरा बच्चा मरा हुआ नहीं है लेकिन उस अस्पताल का डॉक्टर बच्चा को मरा हुआ बता कर महिला को अस्पताल से भगा देता है.
इस घटना में महिला का नाम गोलू कुमारी है जो उस अस्पताल में पांचवा बच्चा का जन्म दी, पति राजेश कुमार को पांचवा बच्चा नहीं चाहिए था पति राजेश कुमार गोलू कुमारी के पेट से पांचवा बच्चा गिराने के लिए आशा कार्यकर्ता मीनू कुमारी से बात किया लेकिन मीनू ने बच्चा गिराने को खतरा बताया फिर आशा कार्यकर्ता ने राजेश को डॉक्टर चिंटू से मुलाकात कराया तो डॉक्टर ने बताया कि डिलीवरी होने दीजिए और डिलीवरी होने के बाद बच्चा को उन्हें देंगे जिनको बच्चा नहीं होता है तो फिर राजेश डॉक्टर ने बच्चा खरीद बिक्री की दलाल जयप्रकाश,जितेंद्र और अविनाश से मुलाकात कराया राजेश ने दलाल को अस्पताल में ₹50000 खर्च हुए बताकर दलाल से मांगा और रमेश नाम कर के व्यक्ति ने पैसा देकर बच्चा को लेकर चला गया यह घटना न्यू बुद्ध अपोलो इमरजेंसी हॉस्पिटल जो हाजीपुर के जोहरी बाजार में स्थित अस्पताल की है लेकिन पुलिस ने राजेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है और आशा कार्यकर्ता मीनू कुमारी, डॉ आदित्य राज उर्फ चिंटू अभी फरार हैं.