Aurangabad Bihar News: औरंगाबाद जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के रविकर गांव के रहने वाले समता राम की पत्नी बेबी देवी का झोलाछाप डॉक्टर से इलाज के दौरान मौत हो गई, बताया जा रहा है कि बेबी देवी उम्र 32 वर्ष प्रसव के पीड़ा से परेशान थी इलाज के लिए उनके पति समता राम ने औरंगाबाद में झोलाछाप डॉक्टर के पास भर्ती करवाया था.
गांव के झोलाछाप डॉक्टर की वजह से गई महिला की जान
मृत महिला के पति ने बताया कि जब उसकी पत्नी बेबी देवी प्रसव की पीड़ा सहन नहीं कर पा रही थी तो बेहतर इलाज के लिए गांव के ही एक झोलाछाप -डॉक्टर ने उन्हें कहा कि वह औरंगाबाद में अच्छे डॉक्टर को जानते हैं और वहां पर उसकी इलाज करवा देंगे फिर उसने औरंगाबाद शहर आकर महाराजगंज रोड में स्थित झोलाछाप (डॉक्टर) के पास है महिला को भर्ती करवा दिया और इलाज में लापरवाही के दौरान महिला की मौत हो गई.
औरंगाबाद जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के रविकर गांव के रहने वाले समता राम की पत्नी बेबी देवी का झोलाछाप डॉक्टर से इलाज के दौरान मौत हो गई, बताया जा रहा है कि बेबी देवी उम्र 32 वर्ष प्रसव के पीड़ा से परेशान थी इलाज के लिए उनके पति समता राम ने झोलाछाप डॉक्टर के पास भर्ती करवाया था pic.twitter.com/4NwdUqG5ET
— Rang Media Group (@rangmediagroup) July 19, 2025
झोलाछाप डॉक्टर की गलती की वजह से हर साल जाती है अनेकों जान
बिहार के ज्यादातर गांव में ऐसा देखा जाता है कि मेडिकल की सुविधा नहीं होने के बाद कारण लोग प्राथमिक इलाज के लिए गांव के ही झोलाछाप घर-घर घूमकर इलाज करने वाला डॉक्टर के पास अपना इलाज करवा लेते हैं, छोटी मोटी बीमारियां जैसे कि बुखार सर्दी खांसी या किसी प्रकार काजख्म का इलाज तो आसानी से ठीक हो जाता है लेकिन जब बड़ी बीमारियों का इलाज करवाने झोलाछाप डॉक्टर के पास जाते हैं.
डॉक्टर को सही ज्ञान नहीं होने के कारण इलाज के दौरान लापरवाही बरतने से मरिज की मौत हो जाती है, बिहार में हर साल आने को जान झोलाछाप डॉक्टर से इलाज करवाने के दौरान मरीज की चली जाती है जानकारी के अनुसार झोलाछाप डॉक्टर का मतलब किसी बड़े डॉक्टर के पास रहकर डॉक्टरी सीखना या फेक डिग्री बनाकर लोगों का इलाज करना होता है, जिसकी वजह से उन्हें बीमारियों का पूरी तरह पकड़ नहीं होती और इलाज में लापरवाही होने के कारण मरीजों की जान चली जाती है.











